मनुष्य - पंच तत्वों का अद्भुत समागम और २ अन्य छिपे तत्वों का रहस्य।

@himshweta · 2022-10-20 07:34 · Feel Good

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पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु और आकाश तत्वों से बना ये मानव शरीर विज्ञान द्वारा भी सम्मत है किन्तु ध्यान साधना के पश्चात हमारे भीतर २ अन्य तत्वों का जागरण होता है जिसके सन्दर्भ में संभवतः हम अनभिज्ञ हैं। ये दो तत्त्व हैं "तेज तत्त्व" (LIGHT ELEMENT ) व "परम चैतन्य तत्त्व" (VIBRATIONS )।

पृथ्वी तत्त्व द्वारा ही हमारा शरीर एक आकार ले पाता है और उसमे बंधा रह सकता है। हम मिट्टी से किसी भी आकार की रचना कर सकते हैं, किन्तु अग्नि, जल, वायु या आकाश से नहीं, इसलिए यह पृथ्वी तत्त्व हमारे तन को बिखरने से बचाता है।

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अग्नि तत्त्व हमारे भीतर खाना पचाने के लिए तेज़ाब व अन्य आतंरिक गतिविधियों के लिए ऊर्जा का संचार करता है। हमारे भीतर सोचने की ऊर्जा व अन्य कार्यों की शक्ति भी हमें अग्नि तत्त्व से ही प्राप्त होती है।

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जल तत्त्व शरीर में तरल पदार्थ जैसे रक्त,जोड़ों में उपस्तिथ जैल इत्यादि को सभी अंगो तक पहुंचाने में सहायक होता है।

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वायु तत्त्व स्वांस लेने व तन में अनेक गैसेस के आवागमन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

आकाश तत्व हमारे शरीर में खाली स्थानों की रचना करता है जिससे हमारे शरीर का अस्तित्व बन पाता है, अन्यथा इस काया में यदि कोई खाली जगह नहीं होगी तो इसका निपात होजाएगा।

ये उपरोक्त वह तत्व हैं जो हर प्राणी में विद्यमान हैं किन्तु जो २ तत्त्व सिर्फ ध्यान साधना या किसी गुरु की कृपा के बाद ही जागृत हो सकते हैं, आइये उनके बारे में गहराई से जाने।

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तेज तत्त्व - इसके जागृत होने पर इंसान के जीवन में प्रकाश का आगमन होता है और एक प्रकार से वह अपनी सुप्त अवस्था से बाहर आता है। उसके भूतकाल से जुड़ती आ रही कण्डीशनिंगस की सभी परतें एक-एक करके गिरने लगती हैं और उसे अपने सत्य स्वरूप यानी आत्मा के दर्शन होते हैं जहाँ वह अपनी सभी बुरी आदते स्वतः ही छोड़ देता है। साथ ही वह अपने अहंकार से मुक्त हो जाता है और सत्य के प्रकाश में वह देख पाता है की अहं असत्य है, यह शरीर, ये दुःख, सुख, बुद्धि, भाव सब असत्य है। अपने आप को पहचानने के लिए जिस रौशनी की आवश्यकता होती है, वही प्रदान करता है यह तेज तत्त्व।

परम चैतन्य तत्व - साक्षात परमात्मा की अनुभूति का ज़रिया है परम चैतन्य का अनुभव । इस तत्वे के कारण हम अपने ही नहीं, बल्कि दुनिया में बैठे किसी भी व्यक्ति के चक्रों की स्थिति अपनी उँगलियों पर आ रही संवेदनाओं से जान सकते हैं।

केवल कुछ पंक्तियों में इन तत्वों को समझना संभव नहीं है। हमें इनकी जाग्रति होने के बाद ही इनका अनुभव, आनंद व लाभ प्राप्त हो सकता है। इन दोनों रहस्यमय तत्वों का जागरण करने के लिए कृपया मुझे instagram पर @himshweta_vijayran या email :- himshwetav@gmail.com पर संपर्क करें । ये पूर्णतः निशुल्क है, इसके लिए आपसे कभी भी कोई पैसा नहीं लिया जाएगा।

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