
मक्लिओद गंज, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश सोमवार २५/६/२०१८ प्रिय डायरी, एक दिन पहले मैं अपने परिवार और हमारे पारिवारिक मित्रो के साथ धर्मशाला के लिए निकले| हमारा ट्रैन का सफर लगभग ५ घंटे का था| ट्रैन से हम पठानकोट ट्रैन स्टेशन पहुंचे और एक ट्रैवलर बस पे अपनी यात्रा फिर शुरू की। हम रस्ते में एक ढाबे पर रुके और चढ़ाई शुरू की | ट्रैन के सफर के दौरान मैं ठीक से सो नहीं पाया, क्योंकि ट्रैन के अंदर बहुत शोर था | इसलिए मैंने सबसे पहले अपनी नींद पूरी की और फिर बाकि वक्त अंताक्षरी जैसे खेल खेले | हमारा बस ड्राइवर धर्मशाला बहुत बार जा चूका था इसलिए हमने उनसे काफी बात-चित की जिससे की हम अपने मंज़िल के बारे में ठीक से जाने | मैंने इस यात्रा से पहले सिर्फ एक गूगल सर्च किया था लेकिन हमारे ड्राइवर ने हमे कुछ ऐसी चीज़ें बताई धर्मशाला के बारे में के हम सब चौक गए | उन्होंने बताया की दलाई लामा यहाँ २ दिन पहले आये थे और चले गए | मैं बहुत उदास होगया - हलाकि मुझे पता भी नहीं था की दलाई लामा का घर यही पर है लेकिन मुझे ऐसे लगा की मैंने एक बहुत बड़ा मौका गवा दिया | लेकिन जल्द ही हम धर्मशाला के मक्लिओद गंज में पहुंच गए और अपने होटल में भोजन किया | होटल पर मैंने धर्मशाला का मशहूर थुपका खाया और वो बहुत ही स्वादिष्ट था | भोजन के बाद हम एक बौद्ध आश्रम में गए जहाँ हमने बुद्ध भिक्षु को पूजा करते हुए देखा और एक साधु से बात भी की | उन्होंने बताया की यहाँ सारे बच्चे अनाथ है और वे यहीं अपनी पढाई करते है और उन्होंने और भी बहुत कुछ बताया लेकिन मैंने उस वक्त ज़्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि मैं बहुत थक चूका था | अगले दिन हम सब ट्रैक के लिए निकल गए | ट्रैक के दौरान बहुत मज़ा आया, रास्ता बहुत कठिन था कुछ जगहों पर लेकिन जब में पर्वत के चोटी पर पंहुचा तो नज़ारा देख कर मैं आत्मवविभोर हो गया | इतना खूबसूरत नज़ारा बहुत कम लोगों को नसीब होता है क्योंकि मुझे कैंपिंग साइट से कैलाश पर्वत दिख रहा था | हमने रात उधर ही बितायी और अगले दिन वापिस आ गए | फिर हम होटल आये और अब हम अर्जेंटीना और नाइजीरिया वर्ल्ड कप मैच देखेंगे | काश अर्जेंटीना जीत जाये क्योंकि मुझे उनका एक प्लेयर लिओनेल मेस्सी बहुत पसंद है ।
