Hindi Essay on Experience

@kazer · 2021-03-06 04:32 · sports

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यह तस्वीर भारत की महिला हॉकी टीम की है | इस तस्वीर में हमे खिलाडियों की ख़ुशी साफ़-साफ़ दिख रही है | सात के सात खिलाडी एक दूसरे के गले मिल रहे है | शायद इन्होने मैच जीता है या एक गोल मारा है | लेकिन एक चीज़ ज़ाहिर है कि यह भावना सिर्फ एक खिलाड़ी ही समझ सकता है | क्योंकि जब कोई खिलाडी गोल मरता है तो वह बहुत सुकून महसूस करता है | यह भावना किसी और भावना से अतुलनीय है | तुम्हारे सालों का खून, पसीना और आँसू का यह फल है | यह पल सिर्फ 90(नब्बे) मिनट का होता है लेकिन यह खिलाडी की मेहनत को अर्थ देता है | यह भावना इस वक्त हमे इन् महिलाओ के चेहरों पर दिख रही है | लेकिन इन खिलाडियों ने भारत के वासियो को एक अलग भावना महसूस करने का मौका भी दिया है - जिससे गर्व कहते है | हर देशवासी इस तस्वीर को देख़ कर बेहद गर्वान्वित महसूस करता है | चाहे कोई भी खेल हो ऐसा मौका बहुत कम खिलाडियों को मिलता है |

एक उदाहरण है क्रिस्टिआनो रोनाल्डो | रोनाल्डो से प्रेरित होकर मैंने फुटबॉल खेलना शुरू किया था और जब उसकी राष्ट्रिय टीम यूरो २०१६ के फाइनल्स तक आयी तो मुझे बहुत ख़ुशी हुई | मुझे अभी भी याद है की रोनाल्डो ने बहुत मेहनत से Portugal को फाइनल्स तक पहुंचाया था | फाइनल मैच में रोनाल्डो सिर्फ २५ मिनट खेला था, जब मैंने यह देखा तो सबसे पहले मुझे गुस्सा आया क्योंकि सब जानते है की क्रिस्टिआनो दुनिया के सबसे कुशल फुटबॉलर्स में से एक है और उसका घायल होना दूसरे टीम के लिए बहुत फायदेमंद था | पुरे स्टेडियम में सनाटा छा गया था और रोनाल्डो के आँसू निकल आये क्योंकि वो जानता था की वह खेल नहीं पायेगा | रोनाल्डो की हालात देख़ कर मुझे बहुत दुख महसूस हुआ क्योंकि उसने इतनी मेहनत की इस पायदान तक पहुंचने के लिए | लेकिन उसने हार नहीं मानी, पुरे मैच वह अपने साथियों को कोच करता रहा और पुर्तगाल मैच जीत गई | यह मैच देखने के बाद मैं समझ गया था की खिलाडी जितनी भी मेहनत करते है - हमे वो कभी कबार नहीं दिखती | लेकिन इसका यह मतलब नहीं की उनकी मेहनत का कोई मूल्य नहीं है क्योंकि रोनाल्डो ने अपने देश को एक मौका दिया और उसकी मेहनत की वजह से Portugal फाइनल्स तक पहुंची | और उसके साथियों ने उसकी मेहनत और विरासत को बरक़रार रखा |

इसलिए जब मैं खुद स्पेन गया था एक टूर्नामेंट खेलने के लिए तो मैंने यह सिख याद राखी | वहां जाकर हम सबने बहुत मेहनत की और तीसरे नंबर पर आये | हाँ मैं दुखी था की हम प्रथम स्थान नहीं ला पाय | अब मैं समझ चूका हूँ की हमारा रास्ता हमारी मंज़िल से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण होता है |

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